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Showing posts from September, 2020

एचआईवी / एड्स: मानव जीवन के लिए अभिशाप

  एचआईवी / एड्स: मानव जीवन के लिए अभिशाप  आज संपूर्ण विश्व अनेक समस्याओं से जूझ रहा है पर्यावरण क्षरण, आतंकवाद, जैविक हथियारों की बढ़ती होड़ तथा मनुष्य स्वास्थ्य के लिए उत्पन्न अनेक खतरनाक बीमारियाँ। इन बीमारियों में सबसे खतरनाक एवं विकराल रूप रूप लेता जा रहा है एड्स। आज जिस तरह पूरे विश्व में तेजी से पांव फैलाता जा रहा है, वह मानव सभ्यता के लिए खतरनाक बनता जा रहा है। आज तक एड्स का समुचित इलाज मानव जाति ढूंढ नहीं पाया है। एचआईवी एड्स का, अगर कोई इलाज है या इसे फैलने से रोकना है तो इस बीमारी का सबसे अच्छा तरीका, इसके फैलने और बचाव का उचित ज्ञान।ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि अज्ञानता तथा उचित ज्ञान के अभाव में लोग इस महामारी को अपनाते जा रहे हैं।   वास्तव में एचआईवी एड्स क्या है?  एचआईवी अर्थात ह्यूमन इफिशिएंसी वायरस एड्स का प्रमुख कारण है। एड्स अर्थात एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम का संक्षिप्त नाम रखा गया है। पूरे विश्व में एक दिसंबर को एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। एड्स की सर्वप्रथम अमेरिका में 1981 के आसपास खोज हुई थी । आज एड्स एक महामारी का रूप ल...

क्षेत्रवाद राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए खतरा

  क्षेत्रवाद राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए खतरा हमारा देश आज कई समस्याओं से जूझ रहा है उनमें से कुछ प्रमुख समस्याएं निम्न हैं- आतंकवाद, जनसंख्या, बेरोज़गारी, जातिवाद, संप्रदायिकता,  पर्यावरण प्रदूषण इत्यादि। लेकिन आज वर्तमान समय में भारत के सामने एक प्रमुख समस्या क्षेत्रवाद मुंह बाये खड़ी है। इससे भारत की संप्रभुता, राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।  क्षेत्रवाद एवं क्षेत्रीयता वह भावना है जिसके द्वारा राष्ट्रीय हितों की उपेक्षा करके अपने क्षेत्रीय हितों को पूरा करने का प्रयास किया जाता है। क्षेत्रवाद एक ऐसी संकीर्ण विचारधारा है, जिसमें संपूर्ण राष्ट्र के प्रति निष्ठा के स्थान पर उस विशेष क्षेत्र के प्रति ही निष्ठा रखने की भावना जन्म लेती है। क्षेत्रीयता की भावना राष्ट्रीय विकास के मार्ग को अवरुद्ध कर देती है।  भारत में विभिन्न भाषा, जाति, परंपरा, धर्म और संस्कृति के लोग निवास करते हैं। पूरे विश्व में भारत की पहचान अनेकता में एकता को देखकर लोग आश्चर्य करते हैं। लेकिन कुछ तुच्छ मानसिकता वाले राजनीतिक दल एवं संगठनों द्वारा क्षेत्रीयता की भावना ...

Hindi letter/पत्र लेखन /अपने विद्यालय के वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें।

  अपने विद्यालय के वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें। प्रिय मित्र मनीष कैसे हो,आशा करता हूं कि ईश्वर के कृपा से तुम आनंद मय होंगे। पिछले महीने विद्यालय में वार्षिकोत्सव का आयोजन हुआ था। क्योंकि तुम उस अवधि में अवकाश पर थे और अपने गांव गए थे। तुम विद्यालय के वार्षिकोत्सव को देखने से वंचित रह गए थे। इस बार का विद्यालय का वार्षिकोत्सव बहुत ही रंगा रंग रहा। वार्षिक उत्सव की शुरुआत गणेश वंदना से हुई तत्पश्चात बालिकाओं का ग्रुप डांस  भी हुआ। उसके बाद विद्यालय के छात्रों द्वारा नशा उन्मूलन पर एक लघु नाटिका भी प्रस्तुत की गई।जिसे सभी लोगों ने काफी पसंद किया। कार्यक्रम के अंत में पंजाबी ग्रुप डांस प्रस्तुत किया गया और उसके पश्चात प्रधानाचार्य द्वारा वार्षिक उत्सव के समापन की घोषणा की गई। इस वार्षिकोत्सव में विद्यालय में पिछले वर्ष के बोर्ड परीक्षा में टापर छात्रों को भी बुला कर सम्मानित किया गया।  आशा करता हूं कि तुम अपने परिवार के साथ आनंद से होगे और आगे वार्षिक उत्सव में अपनी उपस्थिति  जरूर दर्ज करवाओगे।शेष बातें तुम्हारे आने के बाद होगी। अपना ख्य...

Hindi Letter writing/हिंदी पत्र लेखन/अपने प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखे जिसमें विद्यालय पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रतियोगी पुस्तक एवं अखबार मंगाने के लिए प्रार्थना पत्र।

  अपने प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखें जिसमें विद्यालय पुस्तकालय  में प्रतियोगी पुस्तक एवं अखबार मंगाने के लिए प्रार्थना पत्र।  सेवा में  प्रधानाचार्य महोदय  वीणा पाणि ज्ञान मंदिर  फतेहपुर  विषय- विद्यालय पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अधिक से अधिक प्रतियोगी पुस्तकों एवं अखबारों को मंगाने के लिए प्रार्थना पत्र।   श्रीमान जी सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का 12वीं का छात्र हूं और आने वाले समय में मुझे विभिन्न प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी है। इन प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान से संबंधित एवं करंट अफेयर से संबंधित काफी मात्रा में प्रश्न होते हैं। परीक्षाओं के तैयारी के लिए प्रतियोगी पुस्तकों एवं दैनिक अखबार की आवश्यकता होती है।  अतः श्रीमान जी, आपसे निवेदन है कि विद्यालय पुस्तकालय में अधिक से अधिक दैनिक अखबार एवं प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें भी मंगाने की कृपा की जाए। जिससे हम सभी छात्र लाभान्वित और भविष्य के प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु पूर्ण रूप से तैयार हो सके। अतः श्रीमान जी आपसे एक बा...

अपने प्रधानाचार्य को एक दिन के अवकाश के लिए पत्र लिखें।

  अपने प्रधानाचार्य को एक दिन के अवकाश के लिए पत्र लिखें।   सेवा में  प्रधानाचार्य महोदय  केंद्रीय विद्यालय  फतेहपुर  विषय- एक दिन के अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र   श्रीमान् जी सविनय निवेदन है कि कल  मुझे वायरल फीवर हो जाने के कारण स्वास्थ्य खराब हो गया था।  विद्यालय से घर पहुंचने पर मुझे बहुत तेज बुखार हो जाने के कारण, मेरे पिताजी डॉक्टर के पास ले कर के गए। मुझे अभी भी काफी शारीरिक कमज़ोरी का अनुभव हो रहा है। जिसके कारण मुझे विद्यालय आने में असमर्थ पा रहा हूं। डॉक्टर ने मुझे आराम करने की सलाह दी है। कृपया मेरे इस शारीरिक अवस्था को देखते हुए, एक दिन का अवकाश प्रदान की कृपा करें।जिसके लिए मैं सदा आपका आभारी रहूंगा। आपका आज्ञाकारी छात्र अयान कुमार कक्षा- 10 ब अनुक्रमांक- 16  दिनांक- 26 सितंबर 2020

आत्मनिर्भर भारत स्वतंत्र भारत

   आत्मनिर्भर भारत स्वतंत्र भारत  हर  मनुष्य जीवन  में आत्मनिर्भर रहना चाहता है और अपनी  सारी ज़रूरतें  स्वयं ही पूरी करना चाहता है। शुरू से ही या यूं  कहें प्राचीन काल से ही मनुष्य आत्मनिर्भर बनना चाहता है इसी  बनने  की प्रक्रिया में मनुष्य  ने विभिन्न आविष्कार किए। जिसमें  पहिए का आविष्कार, आग का आविष्कार इत्यादि कई प्रकार के आविष्कार अपने आत्मनिर्भर बनने के लिए मनुष्य ने  किया।  हाल फिलहाल हमारे प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत स्वतंत्र भारत का मंत्र दिया है। सच कहा  जाए तो कोई भी देश  तभी पूर्ण  रूप से स्वतंत्र माना जाएगा, जब वह संपूर्ण संसाधनों से आत्मनिर्भर हो। अगर देखा  जाए  तो जो देश  पूर्ण  रूप से स्वतंत्र तब  तक नहीं है जब तक वह आत्मनिर्भर नहीं है। चाहे वह खाद्यान्न के मामले में हो,  चाहे  सैन्य मामले में हो, चाहे हथियार बनाने के मामले में हो,  टेक्नोलॉजी  के मामले में हो, विज्ञान के मामले में हो, दवाओं के मामले में हो, वह तब  तक आत्मनिर्भर...