बढ़ती जनसंख्या या जनसंख्या विस्फोट
बढ़ती जनसंख्या या जनसंख्या विस्फोट
भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजाद हुआ। तब भारत की आबादी करीब करीब 25 से 30 करोड़ थी। लेकिन आज आजादी के 70 वर्षों के बाद यही जनसंख्या बढ़कर 1 अरब 30 करोड़ हो चुकी है और यह जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। इस बढ़ती जनसंख्या के कारण चारों तरफ भीड़ और अन्य प्रमुख समस्याएं भारत के सामने खड़ी हो चुकी है। जिसमें प्रमुख है रोजगार की कमी तथा बेरोजगारों की संख्या में लगातार वृद्धि तथा जीवन यापन संबंधी संसाधनों में लगातार कमी हो रही है। ऐसा नहीं है कि आजादी के बाद देश में तरक्की या विकास नहीं हुआ है, लेकिन इस बढ़ती जनसंख्या ने सभी तरक्की और विकास संबंधी कार्यों को ढक दिया है। यह जनसंख्या की समस्या भारत के लिए एक विकराल समस्या का रूप लेता जा रहा है, जो आने वाले समय में यह विकास इत्यादि को भी छोटा करता जा रहा है। जनसंख्या विस्फोट देश के सामने एक अत्यंत ही प्रमुख समस्या के रूप में सामने खड़ी हो चुकी है। बढ़ती हुई जनसंख्या से भारत में खिलाने पिलाने, रोजगार देने और उन्हें एक संतुलित नगर देने में काफी समस्याएं आ रही है। देश में जनसंख्या के कारण खाद्यान्न की समस्या अन्य प्राकृतिक संसाधन को सुरक्षित रखने की समस्या खड़ी हो गई है। सबसे बड़ी समस्या तो बेरोजगारी की समस्या है। आज जनसंख्या के कारण बेरोजगारों की एक फौज तैयार होती जा रही है, जिससे देश में एक विकराल समस्या खड़ी कर दी है। ऐसा नहीं है कि आजादी के बाद इस जनसंख्या को रोकने के लिए उपाय न किया गया हो, परिवार नियोजन के रूप में लोगों के माध्यम से सरकार ने यह योजना लागू की कि लोग परिवार नियोजन के द्वारा हम दो हमारे दो के नारा चलाया, जिससे की जनसंख्या कम हो जाए, लेकिन यह परिवार योजना लोगों में उतना सफल नहीं हो पाया, जिससे जनसंख्या लगातार बढ़ती गई।
जनसंख्या वृद्धि के कारण
भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण कई हैं , जिसमें प्रमुख है अशिक्षा, मनोरंजन के साधन का कम होना तथा जन्म और मृत्यु दर में संतुलन का बिगड़ जाना भी है। अशिक्षा के कारण लोग विवाह के उपरांत अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने में विश्वास करते हैं, क्योंकि वह सोचते हैं कि अधिक बच्चे उनके लिए रोजगार के साधन हो सकते हैं । वही मनोरंजन के भी गांव देहातों में उचित साधन न होने के कारण वे अपनी पत्नियों को अधिक से अधिक समय देते हैं, जिसके कारण अधिक से अधिक संतान पैदा होती है। वैज्ञानिक विकास के कारण लोगों के बीच मृत्यु दर कम हो चुकी है और जिससे मृत्यु दम कम है और जन्म दर अधिक है, इससे भी जनसंख्या में काफी वृद्धि हो जाती है। हैजा, टीवी, मलेरिया, चेचक आदि बीमारियों पर सरकार ने काबू पा लिया है और मृत्यु दर रोकने में सफलता प्राप्त की है, परंतु जन्म दर रोकने में सरकार उतनी सफल नहीं हो पाई है, जिसके कारण जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। अतः सरकार को चाहिए कि जन्म दर को कम करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिये। जिससे वह परिवार नियोजन अपनाकर अपने परिवार में कम से कम बच्चे पैदा करें। परिवार नियोजन का भी ज्यादा सफल नहीं होने के कारण भी जनसंख्या वृद्धि का एक कारण है अतः परिवार नियोजन को सफल बनाने के लिए सरकार को भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए और परिवार नियोजन संबंधी संसाधन उन्हें सस्ता और सुलभ करना चाहिए।
जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय
जनसंख्या वृद्धि रोकने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि सरकार को लोगों के बीच परिवार नियोजन संबंधी जानकारी अधिक से अधिक दी जानी चाहिए और यह बताया जाना चाहिए कि छोटा परिवार खुशियां अपार। अगर छोटा परिवार रखा जाता है तो आपकी सारी खुशियां मिलेंगी। परिवार नियोजन संबंधी संसाधन जैसे निरोध, गर्भनिरोधक गोलियां नसबंदी, सभी सरकारी अस्पतालों में मुहैया कराना चाहिए और इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए।तभी हम जनसंख्या को सही प्रकार से रोक सकते हैं। लोगों को अधिक से अधिक शिक्षित किया जाना चाहिए और उन्हें शिक्षा के माध्यम से बताया जाना चाहिए कि छोटा परिवार रखने से आपको हर संसाधन मिलेगा। छोटे परिवार रखने वाले परिवारों को प्रोत्साहित भी सरकार के द्वारा किया जाना चाहिए तथा उन्हें एक छोटा पैकेज भी देने की कोशिश किया जाना चाहिए और सरकारी योजनाओं में उन्हें अधिक से अधिक लाभ दिया जाना चाहिए। अगर भारत को विश्व गुरु बनाना है तो जनसंख्या पर काबू करना होगा तभी हम एक विश्व गुरु के रूप में संसार में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। इसलिए जनसंख्या को कंट्रोल करना या यूं कहें की रोकना नितांत आवश्यक है। इसलिए परिवार नियोजन का यह नारा हम दो हमारे दो को सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए।
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