हिंदी के विकास में बॉलीवुड का योगदान
हिंदी के विकास में बॉलीवुड का योगदान
भारतीय सिनेमा का समृद्ध इतिहास रहा है आज भारतीय सिनेमा देश विदेश में अपना परचम लहरा रहा है और साथ ही साथ हिंदी का भी इन फिल्मों के द्वारा प्रचार प्रसाद हो रहा है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि बॉलीवुड के साथ साथ हिंदी भाषा का भी प्रचार प्रसार विदेशों में हो रहा है। हम देखते हैं कि बॉलीवुड की फिल्में विदेशों में बड़े चाव से देखी जाती है और उतने ही चाव से हिंदी भाषा सीखने के प्रति लोगों के लोगों को जागरुक करने का प्रयास करती हैं। हमें ज्ञात है कि प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक राज कपूर साहेब रूस में काफी चर्चित कलाकार थे, उन्हें वहां लोग बहुत पसंद करते थे और उनकी फिल्में बड़े चाव से देखते थे। श्री 420, मेरा नाम जोकर आदि फिल्में उनकी रूस में बड़े चाव से देखी जाती थी। और वहां के लोग इन फिल्मों के गाने खूब गाते थे। मेरा जूता है जापानी, यह पतलून इंगलिस्तानी, सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी, यह गाना एक जमाने में रूस में धूम मचा चुका था। आज देखा जाए तो भारतीय फिल्में विदेश में अपने बलबूते पर परचम लहरा रही हैं और हॉलीवुड को कड़ी टक्कर दे रही हैं। मदर इंडिया, मुग़ल-ए-आज़म इत्यादि फिल्में और साथ ही राजकुमार कपूर की फिल्में विदेशों में पहले तो देखी ही जाती थी। बाद में राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन के दौर में भी विदेशों में हिंदी फिल्में देखी जाती थी। शोले फिल्म भी विदेशों में काफी तहलका मचाया और उस समय लोगों ने बड़े चाव से इसे देखा। बाद में शाहरुख खान के फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे ने तो विदेशों में झंडे ही गाड़ दिए और यह कई देशों के सिनेमा हॉल से 90 के दशक में उत्तर ही नहीं रही थी। बाद में हम आपके हैं कौन इत्यादि फिल्मों ने इस को आगे बढ़ाया और बॉलीवुड के नाम को रोशन किया। फिर लगान, बाहुबली, रोबोट, दंगल, 3इडियट इत्यादि फिल्मों ने इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा, चाइना, जापान, यूरोप आदि देशों में हिंदी फिल्मों का परचम लहराया। कुछ लोग कहते हैं कि इन फिल्मों से हिंदी भाषा का विकास नहीं हो सकता, यह तो वहां डब करके लगाई जाती हैं लेकिन हम उनसे कहना चाहते हैं कि ऐसा नहीं है, जबतक आपका किसी के प्रति प्रेम नहीं जागेगा, तब तक आप उस भाषा या विचार को सीखने का कोशिश नहीं करेंगे। अभी हाल ही फिलहाल में चीन से एक विशेष दल इंडिया आया और वह यहां हिंदी सीखने की कोशिश कर रहा है कि किस प्रकार फिल्म इंडस्ट्रीज बहुत ही कम संसाधन से लगान, दंगल, थ्री इडियट आदि फिल्म बना रहे हैं तो वह क्या कारण है और यह दल यहां हिंदी भाषा भी सीखने का प्रयास कर रहा है। पूर्व में हम 90 के दशक में देखते हैं कि जब हॉलीवुड की फिल्में इंडिया में आती थी तो वह या तो अंग्रेजी में रहती थी और उसे बहुत कम लोग देखते थे। लेकिन हमारे हिंदी भाषा को महत्व को हॉलीवुड ने समझा और उसने चाहे वह पैसा कमाने के लिए ही, अपनी फिल्मों का हिंदी में डब किया हो फिर भी वह हिंदी भाषा भाषा के महत्व को समझकर ही अपनी फिल्मों का हिंदी में डब करके यहां रिलीज किया और हॉलीवुड की फिल्में भारतवर्ष में अच्छा खासा चल रही हैं और अच्छी कमाई भी कर रही हैं। इस प्रकार हॉलीवुड में हिंदी भाषा के महत्व को समझकर के अपनी फिल्मों को डब करके हिंदी में रिलीज कर रहा है। इससे हमारी हिंदी भाषा के जानकार लोगों को काफी रोजगार मिल रहा है।
वास्तव में देखा जाए तो बॉलीवुड ने हिंदी फिल्मों के माध्यम से एक अलग पहचान बनाई है।लेकिन इस पहचान में हिंदी भाषा का बड़ा योगदान है। विश्व में अंग्रेजी भाषा, चाइना भाषा इत्यादि के बाद हमारी हिंदी भाषा जानने वालों की संख्या अधिक है अब यहां की फिल्में विदेशों में अच्छे कमाई कर रही हैं और हमारी हिन्दी फिल्में किसी भी मामले में हॉलीवुड की फिल्मों से कम नहीं है, चाहे वह टेक्नोलॉजी का मामला हो या उत्कृष्ट कहानी का मामला हो,अभिनय का मामला हो हमारे कलाकार पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो रहे हैं । उनके लाइव परफॉर्मेंस इत्यादि प्रोग्राम पूरे विश्व में हो रहे हैं, लोग उन्हें देख रहे हैं, समझ रहे हैं और साथ ही साथ हिंदी बोलने का प्रयास भी कर रहे हैं तो हम कह सकते हैं कि बॉलीवुड के साथ-साथ हमारा हिंदी भाषा का भी प्रचार प्रसार पूरे विश्व में हो रहा है और लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि हिंदी जानने वालों की संख्या दिन-रात विश्व में बढ़ रही है और लोग हिंदी सीखने की कोशिश कर रहे हैं।
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