Sawach Bharat abhiyan/ स्वच्छ भारत अभियान: कैसे अपने शहर को साफ रखें।



स्वच्छ भारत अभियान कैसे अपने शहर को साफ रखें।

शहर, अपने सपनों का शहर, लोग हजारों सपने लेकर गांव से पलायन करके शहर आते हैं। अपने सपनों की हकीकत में बदलने लेकिन यहां आने पर लोग क्या देखते हैं कि जिस चकाचौंध को देखकर लोग शहर की तरफ आए थे, तो वहां तो केवल गंदगी, झुग्गी-झोपड़ी, स्लम, फुटपाथ आदि खुले स्थानों में सोने वाले लोग, चारों तरफ गंदगी, कूड़ा-कचरा का अंबार, ट्रैफिक जाम, धुआ, गाड़ियों का एवं वाहनों का शोर, ध्वनि प्रदूषण, काम के लिए भागते लोग, अस्पताल में मरीजों का भीड़, दुकानों में भीड़, रोड पर घूमते आवारा पशु, पानी की समस्या, बिजली की समस्या, खुले मैनहोल एवं गटर के सड़क पर बहते पानी, सड़कों पर कूड़े का अंबार, कल कारखानों द्वारा प्रदूषण आदि समस्याओं से आज भारत का हर एक शहर जूझ रहा है।

 नहीं है कि हम अपने शऐसा हर को सपनों का शहर नहीं बना सकते, बस सभी नगर वासियों को एक सच्चा प्रण लेना होगा कि यह समस्या हमारी अपनी है, इसे कोई ठीक नहीं कर सकता है । सभी नगरवासी मिलकर नगर की समस्या को हल कर सकते हैं, तभी हम अपने शहर को स्वच्छ रख सकते हैं और स्वच्छ भाच्छरत अभियान को सफल बना सकते हैं। तो आइए किस प्रकार अपने शहर को हम सभी स्वच्छ रख सकते हैं और स्व भारत अभियान को सफल बना सकते हैं, इन सभी समस्याओं का कारण व समाधान निम्नलिखित है।

1.कूड़े-कचरे का अम्बार:- प्रत्येक शहर में हम देखते हैं कि लोग कूड़े कचरे को इधर-उधर फेंक देते हैं । जिससे कूड़े-कचरे चारों तरफ फैल जाते हैं । इससे अनेक प्रकार के रोग जैसे डेंगू मलेरिया इत्यादि फैल जाते हैं और लोग बीमार हो जाते हैं । कूड़े कचरे से आवारा जानवर उनके तरफ आकर्षित होते हैं, जिससे कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं यह आवारा पशु इन कूड़े-कचरे को चारों तरफ फैला देते हैं, जिससे कई प्रकार की बीमारियां फैलने की खतरा हो जाती है।

 समाधान:- प्रत्येक शहर के नगर निगम को चाहिए कि जो भी कूड़ा कचरा इधर-उधर फेकता हो उस पर आर्थिक दंड लगाया जाना चाहिए। जगह-जगह कूड़ा दान का निर्माण होना चाहिए। जिससे कूड़े का सही ढंग से निस्तारण किया जा सके। सभी शहरों में कूड़ा का निस्तारण करके उनसे विभिन्न प्रकार के उपयोगी वस्तुएं बनाने का प्लांट लगाया जाना चाहिए। नगर निगम को यह भी चाहिए कि वह कूड़ेदान से कूड़ा उठाने के लिए उचित व्यवस्था करें प्रत्येक नागरिक को सप्ताह में 1 दिन झुंड बनाकर अपने मोहल्ले की साफ सफाई करनी चाहिए। जिससे उनका मोहल्ला साफ सुथरा रहेगा और इस प्रकार हम सभी स्वच्छ भारत अभियान को सफल बना सकते हैं।

2. जल को स्वच्छ रखने की समस्या - हम देखते हैं कि शहरों में कल कारखानों के कारण गंदे और अवशिष्ट उत्पाद के कारण नदियों में जाने से जल प्रदूषित हो जाता है, जिससे नदी तालाबों से जो पानी पीने के लिए शहरों में सप्लाई की जाती है तो वह काफी गंदा होता है। जिससे शहर के लोग कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं । अतः हमें इस प्रकार की व्यवस्था करनी चाहिए कि कल कारखानों का गंदा और अवशिष्ट  उत्पाद नदियों में ना जाने पाए।
 समाधान:- नदी और तालाबों के किनारे कल कारखानों का निर्माण नहीं होना चाहिए और उनके अवशिष्ट उत्पाद को कहीं और निस्तारण करने का जगह ढूंढना चाहिए अच्छी तरह जल का शोधन करके पीने लायक बनाया जाना चाहिए।

3.आवारा पशुओं की समस्या:- देखा जाता है कि सड़कों पर आवारा पशु इधर-उधर घूमते हैं और मल का त्याग करते हैं, जिससे कई प्रकार की दुर्घटनाएं हो जाती हैं और इससे सड़कों पर काफी गंदगी फैल जाती है । इन आवारा पशुओं के लिए गौशाला का निर्माण किया जाना चाहिए तथा उसमें इनकी उचित देखरेख की जानी चाहिए।
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 समाधान:- आवारा पशुओं को पकड़कर दूर कहीं चरागाह में डालने की व्यवस्था नगर निगम द्वारा किया जाना चाहिए। अगर कोई पशु खुलेआम घूमते पाया जाता है तो उस पशु मालिक को आर्थिक दंड लगाया जाना चाहिए।
4. चमड़ा उद्योग से जल प्रदूषण - चमड़ा उद्योग से सतही एवं भूमिगत दोनों प्रकार के जल दूषित हो जाता है। इससे निकले दूषित जल में 35% से भी अधिक क्लोराइड की मात्रा तथा पानी में खारापन अमोनिया सल्फाइड टैनिन और क्रोमियम जैसे तत्वों की मात्रा अधिक हो जाती है । जिससे जल के जीव जंतु मरने लगते हैं और मानव जाति पर इसका अधिक घातक प्रभाव पड़ता है ।
 समाधान:- चमड़ा उद्योग को मानव आबादी से दूर स्थापित किया जाना चाहिए जिससे सभी शहर एवं नगर स्वच्छ रहेंगे।
5.पेड़ व पौधो के कमी के कारण- शहरों में औद्योगिक करण के कारण पेड़ पौधों की बड़ी मात्रा में कटाई करने से प्रदूषण का खतरा काफी बढ़ गया है इससे बड़े शहरों की वायु काफी प्रदूषित हो गई हैं। शहर का वातावरण मनुष्यों के रहने के लायक नहीं पाया जा रहा है और लोगों में स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां काफी हो रही है।
समाधान:- प्रत्येक के शहर में पेड़ पौधे लगाने पर जोर दिया जाना चाहिए । शहरों को हरा-भरा करने के लिए पार्क इत्यादि में पेड़ पौधों को लगाए जाने पर जोर दिया जाना चाहिए। सड़कों के किनारे पेड़ पौधे अधिक से अधिक लगाकर शहरों का सौंदर्य करण करना चाहिए।
6. शहरों में पेट्रोल और डीजल आदि वाहनों का अधिक होना - शहर के वातावरण को प्रदूषित करने में पेट्रोल पेट्रोल और डीजल के वाहनों की अधिक भूमिका है इससे वातावरण काफी दूषित हो जाता है।
 समाधान:- ऐसी सभी वाहनों पर शहर में रोक लगा देना चाहिए जो डीजल एवं पेट्रोल से चलते हैं। इनसे काफी मात्रा में धुआं निकलने के कारण वातावरण दूषित हो जाता है। शहरों में सीएनजी गैस से चलने वाले वाहनों का प्रयोग पर जोर दिया जाना चाहिए। इससे शहरों में वातावरण को स्वच्छ रखने में काफी मदद मिलती है। 

इस प्रकार हम देखते हैं कि अपने शहर को स्वच्छ रखने के लिए अनेक समस्याओं से हमें दो चार होना पड़ता है। लेकिन अगर हम सभी मिलकर प्रयास करें तो अपने शहर को स्वच्छ रख सकते हैं। हम निम्न बातों का ध्यान रखकर अपने शहर को और भी स्वच्छ और साफ रख सकते हैं। जो निम्नलिखित हैं।
* बड़ी मात्रा में पेड़ पौधों को लगाकर।
* साफ सफाई के लिए श्रमदान करके।
* सीएनजी वाहनों का अधिक से अधिक प्रयोग करके।
* समुचित सीवर लाइन पानी के निकासी के लिए डालकर।
* शहर के कल कारखानों को मानव आबादी से दूर करके।
* कूड़ा कचरा का ढंग से निस्तारण करके।
* स्वच्छ पानी की व्यवस्था करके।
* सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर के।
* शहर को सुनियोजित ढंग से विकास करके।
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         इस प्रकार हम सभी इन बातों का ध्यान रखकर के अपने शहर को स्वच्छ एवं साफ रख सकते हैं और स्वच्छ भारत अभियान को सफल बना सकते हैं।

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