Dr. APJ Abdul Kalam /एक श्रध्दांजलि मिशाइल मैन डॉ. अब्दुल कलाम को
एक
श्रध्दांजलि मिशाइल मैन डॉ. अब्दुल कलाम को
डॉ.
कलाम के जीवन के संबंध में दार्शनिक विचार
एपीजे
अब्दुल कलाम संभवतः भारत के सबसे ज्यादा लोकप्रिय राष्ट्रपति थे। उनके जाने से
भारत को बहुत बड़ी क्षति हुई है। कहा नहीं जा सकता कि इसकी भरपाई कब और कैसे होगी।
वे सही अर्थो में सच्चे देश भक्त थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन देश के लिए समर्पित
कर दिया। वे बच्चों के लिए शिक्षक, दार्शनिक, कर्मयोगी तथा स्वपन्नदृष्टा थे। उनकी
लोकप्रियता एक बड़ी वजह उनका सरल, उत्साही और विनम्र स्वभाव था। राष्ट्रपति बनने
के बाद भी वह एक आम नागरिक की तरह रहते थे । उनकी लोकप्रियता की दूसरी वजह यह थी
कि वह युवाओं के लिए एक प्रेरणा श्रोत थे, वे कहते थे कि सपने वे नहीं होते जो रात
के सोने के समय देखे जाए, बल्कि सपने वे होते है जो आप को सोने नहीं दें। .... वे
यह भी कहते थे कि आप जो भी बनना चाहते हों, वही बनें-इंजीनियर, वैज्ञानिक, डॉक्टर,
शिक्षक, प्रशासनिक अधिकारी या फिर नेता । आप जब सफल होंगे, तभी देश आगे बढ़ेगा, पर
जीवन में कुछ करने के लिए ज्ञान जरुरी है। ज्ञान तीन चीजों का जोड़ है- साहस,
रचनात्मकता और सच्चाई। कोई भी कार्य करने के लिए आपके अन्दर साहस होना चाहिए।
दूसरा रचनात्मकता पढ़ने से आती है और यही रचनात्मकता हमें विचारवान बनाती है ।
विचार हमें ज्ञानी बनाते है। ज्ञान हमें महान बनाते है । तीसरा सच्चाई होती है, तब
चरित्र में सुन्दरता आती है । चरित्र में सुंदरता से घर में एकता आती है । घर में
एकता से देश में व्यवस्था का राज होता है। देश की व्यवस्था से विश्व में शांति आती
है। वो बच्चों को प्रायः कहा करते थे कि – बच्चो शपथ लो, मैं जहाँ भी रहूँगा, यही
सोचूंगा कि मैं दूसरों को क्या दे सकता हूँ ? हर काम को ईमानदारी
से पूरा करुंगा और सफलता हासिल करुंगा। महान लक्ष्य निर्धारित करुंगा। किताबें,
अच्छे लोग और अच्छे शिक्षक मेरे दोस्त होंगे। मैं विश्वास के साथ मानता हूँ कि कोई
समस्या हमें हरा नहीं सकेगी। राष्ट्रध्वज मेरे दिल में लहराता रहेगा। मैं गरीबी और
अन्याय का खात्मा करुँगा। ये थे महान डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेरणादायक विचार
जो हमेशा हम भारतवाशियों को उनकी याद दिलाती रहेगी।
भारतरत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम |
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन
परिचय
रामेश्वरम
के धनुषकोडी गांव में एक मध्यम वर्ग संयुक्त मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को
कलाम साहब का जन्म हुआ था । इनका पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था ।
बचपन से ही वह बहुत मेहनती थे । उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था और वह मछुआरों को
नाव किराये पर देने का कार्य करते थे । कलाम के पाँच भाई एवं पाँच बहनें थी। कलाम
की प्रारंभिक शिक्षा पाँच वर्ष की आयु में रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय
में उनकी पढ़ाई हुई। अब्दुल कलाम ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए उन्होंने
अखबार बांटने का भी काम किया । हाईस्कूल
तक की पढ़ाई उन्होंने रामनाथपुरम के स्कूल में किया। उन्हें बचपन से ही विज्ञान
विषय में रुचि थी। सन् 1950 में सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचरापल्ली से बी ए सी
किया। 1954 से 1957 के बीच इन्होंने
मद्रास इंस्टीट्चूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक किया। 1958 में एच ए एल बेंगलुरु में इन्होंने नौकरी शुरु
की । 1960 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र, थुंबा में योगदान दिया।
1962 में वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में कार्य प्रारम्भ किया।
कलाम
साहेब का विज्ञान के क्षेत्र में योगदान
1980
में कलाम साहब ने रोहणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित करनें में बड़ी
भूमिका निभाई। 1982 में डॉ. कलाम को डीआरडीओ का निदेशक नियुक्त किया गया । उसी समय
अन्ना विश्वविद्यालय मद्रास ने उन्हें डॉक्टरेट ऑफ साइंस की मानद उपाधि से
सम्मानित किया । डॉक्टर कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी मिसाइल को डिजाइन किया।
इन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों को स्वदेशी तकनीक से बनाया था। जिसके बाद
उन्हें लोग प्यार से मिसाइल मैन के नाम से पुकारने लगे। 1992 से 1999 तक वे रक्षा
मंत्री के विज्ञान सलाहकार और सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव थे। 1998 में
उनकी देखरेख में भारत ने पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परिक्षण किया। इसके बाद
भारत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हो गया।
भारत
के राष्ट्रपति
2002
में डॉक्टर कलाम को भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति के रुप में निर्वाचित किया गया ।
इनका कार्यकाल 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ।
पुरस्कार
और सम्मान
डॉक्टर
कलाम को तो वैसे तो बहुत पुरस्कार प्राप्त हुए है लेकिन कुछ प्रमुख पुरस्कार
निम्नलिखित है।
1.
1980 में
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (भारत) का नेशनल डिजाइन अवार्ड।
2.
1981 में अब्दुल
कलाम को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया ।
3.
1997 में डॉक्टर
कलाम को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
4.
1997 में डॉक्टर
कलाम को राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
लेखन
के क्षेत्र में
डॉक्टर
कलाम साहेब ने अनेक पुस्तकें भी लिखी । जिसमें 1999 में आई किताब विंग्स ऑफ फायर-
एक आत्मकथा थी, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष के दिनों के बारे में लिखा था
। इसमें उन्होंने एक साधारण व्यक्ति से इसरो और फिर डीआरडिओ के वैज्ञानिक बनने तक
के सफर का जिक्र किया है। इनकी दूसरी पुस्तक गाइडिंग सोल्स ऑफ द पर्पज ऑफ लाइफ
आत्मिक विचारों को उदघाटित करती है। कुछ प्रमुख पुस्तकें जो इनके द्वारा लिखी गई
निम्न है – इंडिया 2020 – ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम, माई जर्नी और इग्नाटिड
माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया आदि है।
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