hindi dewas vesash : aj key dur mey hindi ke badhti swekareta/हिन्दी दिवस विशेष – आज के दौर में हिन्दी की बढ़ती स्वीकार्यता


हिन्दी दिवस विशेष – आज के दौर में हिन्दी  की बढ़ती स्वीकार्यता 

आज दुनिया की तस्वीर बदल रही है । तमाम चीजें आज के भूमंडलीकरण के इस दौर में लगातार बदल रही है । आज पूरा विश्व एक छोटे से शहर के रुप में सिमट गया है । आज स्मार्ट फोन पर हर वो जानकारी पलक झपकते मिल जा रही हैं जो पहले काफी मशक्कत के बाद मिलती थी । ऐसी स्थिति में भाषाओं पर भी आज के इस भूमंडलीकरण के इस दौर में भी प्रभाव पड़ा है तथा उनका महत्व बढ़ा है तो कहीं घटा है ।


Hindi special

       आज अगर देखा जाये तो अंग्रेजी की स्वीकार्यता और उसे जानने समझने तथा उसका प्रयोग ज्यादा बढ़ा है, लेकिन हिन्दी समेत तमाम भाषाओं का भी महत्व बढ़ा  है । आज देखा जाए तो हिन्दी का समृद्ध स्वरुप विश्व स्तर पर अच्छादित हो रहा है । हिन्दी न सिर्फ गतिशील हुई है, अपितु इसने विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है । यही कारण है कि कल तक जो हिन्दी से मुँह फेरते थे वो इसे बड़ी तेजी से स्वीकार कर रहे है । नेताओं, अभिनेताओं कारपोरेट जगत में इसके तरफ झुकाव हुआ है। पठन-पाठन व्यापार मीडिया विज्ञापन आदि क्षेत्रों में हिन्दी सूचना का सशक्त माध्यम बन चुकी है । इसका विस्तार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है । विदेशों में न सिर्फ हिन्दी जानने वालों की संख्या बढ़ी है अपितु इसे सीखने एवं बोलने वालों की भी संख्या बढ़ रही है । बहुत से विदेशी विश्वविद्ययालयों में हिन्दी संकाय खुल रहे हैं। चीन, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, रुस आदि देशों में हिन्दी सीखने वालों का प्रतिशत बढ़ा है ।

       आज बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी हिन्दी को काफी बढ़ावा दे रही है, जो कल तक हिन्दी से काफी नफरत करती थी। ये कंपनियां भारत में अपना रोजगार फैलाने के लिए धड़ल्ले से हिन्दी का प्रयोग कर रही है । ये अपने उत्पादों का प्रचार-प्रसार का माध्यम हिन्दी को बना रही है । विज्ञापन हिन्दी में छपवा रही हैं तथा अपने यहाँ हिन्दी जानने वालों को रोजगार भी दे रही हैं। आज कारपोरेट जगत को यह समझ में आ चुका है कि अगर भारत में गाँव-गाँव तक पहुँच बनानी है तो हिन्दी को अपनाना ही होगा।

       इलेक्ट्रानिक मीडिया ने भी हिन्दी की ग्लोबल पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । हिन्दी की अनेक पत्र-पत्रिकायें विदेशों में प्रकाशित हो रही हैं, तथा इसे जानने वाले बड़े चाव से पढ रहे हैं। आज हिन्दी सिनेमा एवं हिन्दी टीवी चैनल आदि ने विदेशों में तथा भारत में मजबूती से पाँव जमाये हैं। आज हिन्दी सिनेमा का योगदान विदेशों में हिन्दी का प्रचार-प्रसार को नकारा नहीं जा सकता । आज हिन्दी के कारण ही हिन्दी सिनेमा को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है । आज विश्व में चीनी भाषा के बाद सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा के रुप में हिन्दी ने दूसरा स्थान बना लिया है ।
       देखा जाए तो आज का दौर इंटरनेट को दौर है और इस इंटरनेट के दौर में हिन्दी का दायरा बढ़ रहा है । ब्लॉग, वेबसाइटों और सोशल मीडिया पर हिन्दी ने मजबूत पकड़ बनाई है। आज कई ब्लॉग हिन्दी में उपलब्ध हैं। अनेक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं का संस्करण हिन्दी में इंटरनेट पर उपलब्ध है। कई धार्मिक पुस्तकें भी इंटरनेट पर पढ़ी जा रही हैं। कहने का आशय यह है कि इंटरनेट विज्ञापन फिल्म विज्ञान और प्रौधोगिकी के क्षेत्र में हिन्दी ने दिखा दिया है कि वह समय के साथ बदलावों के अनुरुप अपने को ढ़ालने में बेहद सक्षम है। कुल मिलाकर आज हिन्दी राजभाषा, राष्ट्रभाषा और संपर्क भाषा के रुप में अपने दायित्वों का निर्वाहन कर रही है। सच पूछा जाये तो हिन्दी बोलचाल से मनोरंजन के माध्यम से इंटरनेट, फेसबुक, ट्विटर, ब्लॉग से बाजार के उपभोक्ता ब्रांडो के माध्यम से हिन्दी लगातार बढ़ रही है ।

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